बुधवार, 15 अप्रैल 2020

बाइक यात्रा जोधपुर से लेह 1

बाइक यात्रा जोधपुर से लेह 1

जून 2019 

हम सभी मित्र पिछले कई दिनों से एक लम्बी यात्रा की प्लानिंग कर रहे थे।   जैसे की होता आया है की जब कोई यात्रा  की जाती है तो बहुत सी बाते जैसे यात्रा की जगह, तारीख, इतियादी पर हर एक की राय अलग अलग होती है। काफी दिनों तक सोच विचारने के बाद जो जगह और तारीख तय हुई वह लेह लद्दाक जिस पर हर कोई राजी था और महीना था जून का क्योकि हम सब ने नेट पर सर्च करके और अपने जान पहचान से ये पता  लगाया की लेह लद्दाक घूमने का उत्तम समय जून से अगस्त ही सही है क्योकि उसके बाद मानसून का समय शुरू हो जाता है और चूकि जून के महीने में लगभग सभी रास्ते खुले हुए होते है। 

पर समस्या ये थी की हम सब का ये पहला अनुभव था इतनी लम्बी और दुरूह यात्रा का तो सभी के अपने अपने विचार और भय थे। 

यात्रा की जगह तय करना एक अलग चीज है और उसको अमल में लाना एक अलग बात है. पहले ये विचार किया गया की कोई टूर पैकेज ले लेते है पर सब के सब बहुत ज्यादा महगें और सबके अलग अलग नियम कायदे जिससे यह पता चल रहा था की एक बार पैसे देने पर सारा टूर उन टूर कंपनियों के अनुसार होगा और बाद मे उसमे कोई बदलाव की गुंजाइस नहीं के बराबर होगी. 

फिर सोचा की जोधपुर से दिल्ली तक ट्रैन उसके आगे मनाली तक बस और उसके बाद मनाली से आगे बाइक के द्वारा पर जैसे की होता है की कुछ मित्रो ने कहा की वह  सीधे जोधपुर से ही बाइक लेंगे और बाद में सब एक साथ हो जायेंगे पर इसमें एक समस्या थी की जैसे हमने पता लगाया के अगर मनाली से बाइक लेंगे तो लेह और मनाली की बाइक एसोसिएशन अलग अलग है और आगे जाकर हम सब किसी न किसी समस्या मे फस सकते है, तो आखिर में यह तय  हुआ की जोधपुर से सीधे बाइक लेकर ही यात्रा की जाये। 

जैसा की आखिर में ये तय हुआ की हम सब जोधपुर से लेह की यात्रा बाइक के द्वारा ही करेंगे तो फिर शुरू हुआ सफर की तैयारीयो का सिलसिला जिसमे बाइक सम्बन्धी किट (हेलमेट, राइडिंग गियर, जैकेट,रैनकोट, ग्लव्स सनग्लासेस इतियादी )

हम कुल  मिला कर 12 जने थे (जिसमे एक मित्र दिल्ली  से और दूसरा सीधे लैह में हमसे मिलने वाले थे) . 
कुल 6 बाइक जिसमे (रॉयल इन्फिल्ड ,हिमालयन , थंडरबर्ड ) थी और एक बैकअप वेहिकल जिसे हमारा बैकपैक और अन्य सामान (डॉयफ्रुइट्स, आचार, नमकीन ) था.

तो इस प्रकार  हमारी यात्रा सुरु हुई 16 जून 2019 को 
पहले दिन ये तय हुआ की चुकि  जोधपुर से हिसार का रास्ता जो की लगभग 400 किलोमीटर था और जो सीधा और जिसमे लगभग न के बराबर ट्रैफिक था तो एक ही  दिन में तय करना निर्धारित हुआ हम सब सुबह 7 बजे के करीब जोधपुर से निकल गए, बीकानेर से  लगभग शाम 8 बजे के करीब हिसार पहुंच गए।






सोमवार, 13 अप्रैल 2020

लॉकडाउन पोस्ट 12 साल के बाद

आज लॉकडाउन के कारण समय मिला या ये कहे की जहाँ सारी दुनिया रात दिन भागी जा रही थी वही उसी दिन रात की दौड़ मे मै भी भागा जा रहा था. मेरी पिछली प्रवष्टि सन 2008 मे पोस्ट की गईं थी  उस बात को भी लगभग 12 साल हो गए है।

जब आदमी भागदौड़ भरी भरी जिंदगी का आदि हो जाता है तो जो फुर्सत के समय की वो कामना करता है और अगर वह समय उसे आकसामयिक मिल जाता है तो वह विस्मित हो जाता है जैसा की मै अभी हो रहा हू कुछ दिन तो इस नई दिनचर्या से सामंजस्य बैठाने मै ही लग गये।

लिखना तो बहुत कुछ चाहता हू पर शायद लग रहा है की आदत नहीं रही अब पर कोशिश कर रहा हु और हो सकेगा तो अब आने वाले समय मैं निरंतरता रखने कोशिश  करूँगा।

बहुत समय निकल गया पिछले कुछ दिनों में आये इस ठहराव ने बहुत कुछ बदल दिया है।  इतने सालो के बाद जो ब्लॉग निरन्तर किसी समय पढता था अब इनदिनों उनको याद करके ढूंढ रहा हू कुछ  निरंतरता रखे हुए है,  निष्क्रिय है तो कुछ मिल नही रहे है।

पिछली पोस्ट जो 2008 की थी बिटटू के पहले जन्मदिन की वही आज कितनी बड़ी हो गई है, कंधे तक आने लगी है तो सोचता हू समय कितना जल्दी निकल रहा है. और इस समय (लॉकडाउन ) ने मुझे कुछ समय दिया है की सोच सकु की पिछले इतने सालो मे क्या क्या पिछे छूट गया.

सोचता हू तो पाता हू की इन सालो मे बहुत ही अधीरता, अनिरंतरता और किसी भी चीज के प्रति अनिश्चित हो गया हु. बस भाग रहा हू और निरंतर भाग रहा हूँ।

अब लगता है जन्दगी मे ठहराव जरुरी है ताकी हम सोच सके की क्या हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे है.




उम्मीद करता हूँ आगे निरन्ता बनी रहेगी।




मंगलवार, 23 दिसंबर 2008

कुछ पुरानी यादे

कुछ पुरानी यादे
टेलिविज़न के वे पुराने दिन भले ही तकनीकी रूप से आज के प्रोग्राम के बराबरी नही कर सके पर उनमे एक ताजगी एक सुकून का अहसास होता था उसके उलट आज २४ घंटो चलने वाले प्रोग्राम सिवाय दिमाग को तनाव ग्रस्त , प्रदूषित करने के आलावा कुछ नही करते



बुधवार, 26 नवंबर 2008

गुरुवार, 27 मार्च 2008

राजस्थान


कुम्बल्गढ़ rajasthan

कुम्बल्गढ़ किले कई अंदर मन्दिर

उदैपुर राजस्थान



रणकपुर राजस्थान